मंगलवार, 18 अगस्त 2009

वक्त /किसी मासूम बच्चे के हाथ में

कैद

/रेत

जो लाख कोसिसोके बाद भी

निकल जाती है

अँगुलियों के पोरों

से आख़िर में

बचे रह जाते हैं

चंदचमकते

नन्हे रेत कण

जिन्हें सहेजने से ज्यादा

आसान

है हाथ झटक देना

दूसरा कोई विकल्प है भी नही


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