शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

भोपाल का बड बाले महादेव मंदिर



सावन के महिने में शिवभक्त अपने आराध्य देव को मनाने के सारे जतन करते हैं ..भोपाल के प्राचीन बड़ वाले महादेव शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है ...चार सौ साल से ज्यादा प्राचीन इस शिवमंदिर में हर सोमवार को बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाता है...इस मंदिर से लगे कुएँ और वटवृक्ष को लेकर भी कई तथ्य जुड़े हैं...
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़वाले प्राचीन शिवमंदिर को लेकर कई किवदन्तियाँ प्रचलित हैं...बताया जाता है कि किसी व्यक्ति को स्वप्न में दर्शन दिए थे ...जब इस स्वंयभू शिव की थाद लेने की कोशिश की गई लेकिन पैंतीस चालीस फुट तक की खुदाई के बावजूद लोगों को सफलता नही मिली...तब इसी स्थान पर शिव की स्थापना की गई....
न सिर्फ शिव लिंग बल्कि इस मंदिर से लगे कुएं और वटवृक्ष को लेकर कई बातें प्रसिद्ध हैं .....कहा जाता है कि कितना भी सूखा क्यों न पड़े इस कुएं का पानी कभी नही सूखता ......इसके अलावा पानी बरसे या न बरसे कुएं में पानी खुदबखुद आ जाता है.......वटवृक्ष को लेकर भी कई बातें सामने आती है.......इस शिवमंदिर में लगातार शिव पंचाक्षरी स्रोत का पाठ लगातार चल रहा है....हर साल सावन के महिने के पहले सोमवार को काँवड़िए होशंगाबाद से नर्मदा जल लाकर शिव का अभिषेक करते हैं....इसके अलावा हर सोमवार को अलग अलग आयोजन होते है....न सिर्फ सावन बल्कि शिवरात्री के दौरान भी इस मंदिर में भारी भीड़ जुटती है ...जो शिवबारात और दूसरे धार्मिक आयोजनों का हिस्सा बनते हैं ....

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