शुक्रवार, 21 अगस्त 2009

बोलते क्यों हो सरद पवार


सरद पवार ने चिंता जताई है की दाल सकर तेल के बाद अब चावल के भाव भी बढ़ सकते हैं । इसके पहले उन्होंने सक्कर के दम बढ़ने की आशंका जताई थी और अगले ही रोज़ दम ३ रुपे बढ़ गए । बाद में मंत्री जी ने माना की उनके बयां के बाद रेट बढे हैं । समझ नही आता की हमारे भोले मंत्री बोलते ही क्यों हैं । ठीक है कानून ने बोलने की आज़ादी दी है तो उसका मतलब ये तो नही की आप बोल के दूसरो की जिन्दगी में जहर घोलें। मंत्री जी होस में आयें हमारी दिक्कते मत बढाओ मालिक । पहले ही हमारी जिन्दगी में कई गम हैं

गुरुवार, 20 अगस्त 2009


मंगलवार, 18 अगस्त 2009

मै किसका हु

अक्सर मै सोच में पड़ जाता हु
कि में किसका हु /
जब में कोई अच्छा कम करता हु /
तो /
सब मुझे पलकों पे बिठा लेते है /
दादी कहती है /मेरा लाडला पोता /
चाची कहती है /मेरा भतीजा /पड़ोसी खुस के वो मेरे अपने /
सब मेरे मै सब का /
लेकिन बस एक असफलता
से सब बदल /जाता है
दादी कहती है फलाने का बेटा
पड़ोसी सर्मिन्दा कि वो मेरे /
वक्त /किसी मासूम बच्चे के हाथ में

कैद

/रेत

जो लाख कोसिसोके बाद भी

निकल जाती है

अँगुलियों के पोरों

से आख़िर में

बचे रह जाते हैं

चंदचमकते

नन्हे रेत कण

जिन्हें सहेजने से ज्यादा

आसान

है हाथ झटक देना

दूसरा कोई विकल्प है भी नही


पहला प्यार


पहला प्यार /
दिल के nigative पर उभरा वो अक्स /
जो /
वक्त की धूल/
और हादसों की बरसात /
से धुंधला /भले पड़ जाए /
लेकिन/ नामुमकिन हे /
उस पर किसी और अक्स का /
उभारना /